Popular posts from this blog
भारतीय सामाजिक व्यवस्था में किन्नर समाज का महत्व & Delhi Assembly Election & Result - 2025- CM- REKHA GUPTA & DCM- PRAVESH ( PARVESH) VERMA
👉 प्रथम यह अध्ययन करें 👀 01- राज्य व्यवस्था- विविधता 02- लोकतंत्र एवं उसकी परिभाषा 03- संस्कृति-परिभाषा, गुण तथा आवश्यकता भारतीय समाज में सामाजिक व्यवस्था की विविधता व्यवस्था के अंतर्गत त्रेता युग से किन्नर समाज का उल्लेख मिलता है। रामचरितमानस मे तुलसीदास जी किन्नर को "सखी" कहकर उल्लेखित करते हैं तथा बताते हैं की - राम एवं सीता के विवाह समारोह में वरमाला डालने के लिए मां जानकी को किन्नर उत्साहित करते हैं तथा विशेष उल्लेख में बताया गया की किन्नर समाज के आशीर्वाद के साथ ही मां सीता एवं प्रभु श्री राम का विवाह संपन्न हुआ। द्वापर युग में भी महाभारत काल में अर्जुन का उल्लेख होते समय किन्नर का मंतव्य ध्यान में आता है। धर्म की विजय महाभारत रणभूमि में स्थापित करने में " किन्नर शिखंडी" का निर्णायक योगदान है क्योंकि उस वृतां...
राज्य की परिभाषा-राजनीतिक
👉 प्रथम अध्ययन करें 👀 राज्य की परिभाषा गार्नर (James W. Garner) - "राज्य संख्या में कम अथवा अधिक व्यक्तियों का ऐसा संगठन है जो किसी प्रदेश के निश्चित भूभाग में स्थाई रूप से रहता है जो बाहरी नियंत्रण से पूर्ण स्वतंत्र या लगभग स्वतंत्र हो जिसका एक ऐसा संगठित शासन हो जिस के आदेशों का पालन नागरिकों का विशाल समुदाय स्वभावत: करता हूं" गिलक्रिस्ट (G.R. Gilchirst) - "राज्य उसे कहते हैं जहां कुछ लोग एक निश्चित प्रदेश में एक सरकार के अधीन संगठित होते हैं यह सरकार आंतरिक विषयों में अपनी जनता की संप्रभुता को प्रकट करती है एवं वह आइए विषयों में अन्य सरकारों से स्वतंत्र होती है। " गिलक्रिस्ट की परिभाषा में प्रमुख रूप से तीन अंगों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं - 1. प्रथम भूमि खंड अथवा प्रदेश 2. दूसरा लोगों का समूह तथा 3. तीसरा संप्रभुता। वास्तव में एक संपूर्ण एवं परिपक्व परिभाषा...
Comments